मधुसूदन पालीवाल
अध्यक्ष
हितकारी सेवा संस्थान

मधुसूदन पालीवाल राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले की निम्बाहेड़ा तहसील के एक छोटे से गाँव अरणिया जोशी के निवासी हैं। बचपन से ही सरल, मधुरभाषी, दृढ़संकल्पी, जुझारू, कर्मशील एवं सत्यप्रिय स्वभाव वाले मधुसूदन पालीवाल का जीवन सामाजिक चेतना, सेवा और जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है। समाज के प्रति उनके समर्पण और जागरूकता ने उन्हें क्षेत्र के एक अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित किया है। वर्ष 2014 से उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करना प्रारंभ किया और तभी से वह निरंतर समाजोपयोगी कार्यों में लगे हुए हैं।
मधुसूदन पालीवाल ने अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत छोटे-छोटे सेवा कार्यों से की, जो आगे चलकर एक व्यापक जन आंदोलन का रूप ले चुके हैं। उन्होंने न केवल आमजन की समस्याओं को समझा, बल्कि उनके समाधान हेतु खुद को पूर्णतः समर्पित कर दिया। उन्होंने समय-समय पर अनेक रक्तदान शिविरों का आयोजन करवाया, जिनसे ज़रूरतमंदों को जीवनदान मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने चिकित्सा शिविरों के माध्यम से ग्रामीण एवं वंचित वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराईं, साथ ही पौधारोपण कार्यक्रमों में भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
मधुसूदन जी धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सदैव अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। वे मानते हैं कि हमारी संस्कृति और परंपराएं समाज को जोड़ने का कार्य करती हैं। उन्होंने पशु-पक्षियों के संरक्षण हेतु भी विशेष कार्य किए, जैसे गर्मी के मौसम में पक्षियों के लिए परिंडे बांधना, घायल जानवरों की देखभाल एवं उनके लिए चारे-पानी की व्यवस्था करना इत्यादि।
वे न केवल स्वयं सेवाकार्यों में लिप्त रहे, बल्कि कई सामाजिक संगठनों से जुड़कर उनमें अहम भूमिकाएं निभाईं और लोगों को प्रेरित किया कि वे भी समाज सेवा में आगे आएं। उनके कार्यों की सराहना स्थानीय प्रशासन और समाज द्वारा कई बार की गई है, जिसके फलस्वरूप उन्हें उपखंड एवं ज़िला स्तर पर कई बार सम्मानित भी किया गया है।
किसानों की समस्याओं को लेकर भी मधुसूदन पालीवाल सदैव संवेदनशील रहे हैं। वे गांव-देहात के किसानों की समस्याएं सुनते हैं और उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुँचाकर समाधान करवाने का हरसंभव प्रयास करते हैं, जिससे अन्नदाता को उसका हक और सम्मान मिल सके।
नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी उन्होंने विशेष रुचि ली है। मधुसूदन जी का मानना है कि जब तक महिलाओं को समाज में समान अवसर, शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का अधिकार नहीं मिलेगा, तब तक समग्र विकास संभव नहीं है। इसी सोच के साथ उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाए, उन्हें स्व-सहायता समूहों से जोड़ने और विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया।
मधुसूदन पालीवाल को नवाचार में विशेष रुचि है। उन्होंने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि समाज सेवा को आधुनिक तकनीक एवं नई सोच के साथ जोड़कर उसे और प्रभावी बनाया जा सकता है। इसी सोच के तहत उन्होंने 2023 से हितकारी सेवा संस्थान के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स — जैसे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप चैनल आदि के ज़रिए आमजन तक अपनी बात पहुँचाई और लोगों की समस्याएं जानकर उनका निराकरण करने का हर संभव प्रयास किया।
स्वच्छता अभियान के अंतर्गत भी उन्होंने जनजागृति फैलाई और क्षेत्र को स्वच्छ रखने हेतु जनसहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए हरसंभव कार्य किए। उनके अनुसार स्वच्छता केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी आवश्यक है। इसी विचारधारा के तहत वे स्वच्छ राजनीति में विश्वास रखते हैं, जहाँ पारदर्शिता, नैतिकता और जनसेवा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।
राजनीतिक रूप से भी मधुसूदन जी भारतीय जनता पार्टी के एक सक्रिय कार्यकर्ता हैं। वे संगठनात्मक कार्यों में भाग लेते हैं और क्षेत्रीय नेताओं से उनके मज़बूत संबंध हैं, जो उन्हें जनसेवा के कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से करने में सहयोग प्रदान करते हैं।
आज मधुसूदन पालीवाल हितकारी सेवा संस्थान के संस्थापक एवं अध्यक्ष के रूप में समाज सेवा की एक ऐसी मिसाल बन चुके हैं, जो प्रेरणा का स्रोत है। उनका उद्देश्य केवल सेवा करना नहीं, बल्कि एक ऐसा समाज निर्मित करना है जहाँ हर व्यक्ति को न्याय, सहायता और अवसर प्राप्त हो सके। उनके कार्यों ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि नीयत साफ हो और संकल्प अटूट हो, तो कोई भी व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।