हमारे बारे मे
हमारी स्थापना
हितकारी सेवा संस्थान की स्थापना 2020 में हुई थी। यह एक गैर सरकारी संगठन (NGO) है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के पिछड़े और जरूरतमंद वर्गों की सेवा करना है। संस्थान विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक, और स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहा है। हितकारी सेवा संस्थान खासतौर पर गरीब बच्चों की शिक्षा, महिलाओं के सशक्तिकरण, और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह संस्थान सामाजिक जागरूकता फैलाने, स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और समुदाय के विकास में योगदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अपने उद्देश्यों के लिए यह संस्थान कई प्रकार की परियोजनाओं और कैंपेन चला रहा है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम बन रहे हैं।

मधुसूदन पालीवाल –
अध्यक्ष, हितकारी सेवा संस्थान, चित्तोडगढ़
हमारे उधेश्य
हितकारी सेवा संस्थान का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के लिए समग्र विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। हम यह मानते हैं कि केवल तभी समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव संभव है जब हर व्यक्ति को समान अवसर और संसाधन मिलें। इसके लिए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बाल कल्याण, किसानों के हित, और नशा मुक्ति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रहे हैं। हम प्रत्येक व्यक्ति को उसकी सामाजिक स्थिति से परे जाकर अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराना चाहते हैं, ताकि वह अपने जीवन को और बेहतर बना सके। हमारे विभिन्न कार्यक्रम और अभियानों का उद्देश्य न केवल जानकारी फैलाना है, बल्कि समाज में व्याप्त असमानताओं और भेदभाव को समाप्त करना भी है।
हमारा मिशन केवल सेवा देना नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को जागरूक और सशक्त बनाना भी है। इसके लिए हम विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगों, और किसानों के लिए काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जा सके। साथ ही, हम पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपयोग पर जोर देते हुए प्रदूषण नियंत्रण, पौधारोपण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हिटकारी सेवा संस्थान का विश्वास है कि समाज के हर सदस्य को अवसर मिलने चाहिए, ताकि हम एक समृद्ध, सशक्त और खुशहाल समाज की ओर कदम बढ़ा सकें।
01.
चिकित्सा शिविर - रक्तदान शिविर, नेत्र चिकित्सा शिविर, चिकित्सा शिविर, आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर
चिकित्सा शिविर का आयोजन समाज में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। रक्तदान शिविर में लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जाता है और जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराया जाता है। नेत्र चिकित्सा शिविर में आंखों से जुड़ी समस्याओं के लिए मुफ्त जांच और इलाज किया जाता है। चिकित्सा शिविरों में सामान्य स्वास्थ्य जांच की जाती है, ताकि लोग अपनी बीमारियों का समय रहते इलाज करवा सकें। आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर में प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग कर प्राकृतिक उपचार दिया जाता है, जिससे लोगों को सुरक्षित और प्रभावी इलाज मिल सके।
02.
पर्यावरण - धूल, जल, मृदा, पक्षी, पशु, वन्यजीव, जलीय जीव, वनस्पति, एवं जीवमात्र का संरक्षण, संवर्धन
पर्यावरण का संरक्षण हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। धूल और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है। मृदा के कटाव और उसके अव्यवस्थित उपयोग को रोकना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। पक्षी, पशु, वन्यजीव, जलीय जीव और वनस्पति के संरक्षण की दिशा में काम करना जरूरी है, ताकि इनकी प्रजातियां विलुप्त होने से बच सकें। इन जीवों का संरक्षण न केवल जैविक विविधता को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को भी बनाए रखता है। इस दिशा में विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं, जो जन जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ इन जीवों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाते हैं।
03.
विभिन्न प्रकार के प्रदूषण को रोकना
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गहरा असर पड़ता है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्याओं का समाधान करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलानी चाहिए और उनके रोजमर्रा के जीवन में पर्यावरण को बचाने के उपाय सुझाए जाने चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करके हम पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और आगामी पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण तैयार कर सकते हैं।
04.
पौधारोपण करना
पौधारोपण पर्यावरण की रक्षा के लिए एक प्रभावी कदम है। पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं, जिससे वायुमंडल में सुधार होता है। साथ ही, पौधारोपण से भूमि की उर्वरता भी बढ़ती है और वन्यजीवों के लिए आश्रय स्थान मिलता है। इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न शिविरों और अभियानों का आयोजन किया जाता है, ताकि लोग अपने आसपास अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर सकें और पर्यावरण को सुरक्षित रख सकें।
05.
सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागीय शिविर आयोजन करना
सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभागीय शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया जाता है। इन शिविरों में यातायात सुरक्षा से जुड़े उपायों, जैसे हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, शराब पीकर गाड़ी न चलाने आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके अलावा, बच्चों और वृद्धों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि वे सड़क पर सुरक्षित तरीके से चल सकें।
06.
कृषि एवं उद्यान विभाग की जानकारी किसानों तक पहुँचाना
कृषि और उद्यान विभाग किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी और सहायता प्रदान करता है। इस विभाग द्वारा किसानों को नई कृषि तकनीकों, उर्वरकों, बीजों और सिंचाई के आधुनिक तरीकों के बारे में बताया जाता है, ताकि उनकी उपज में वृद्धि हो सके। इसके अलावा, किसानों को मौसम के अनुसार खेती के उपायों की जानकारी दी जाती है, जिससे वे बेहतर उत्पादन कर सकें। यह जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
07.
किसानों के हित में काम करना
किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं, और उनके हित में काम करना समाज की जिम्मेदारी है। किसानों की समस्याओं को समझकर उनके लिए प्रभावी समाधान प्रदान करना आवश्यक है। कृषि योजनाओं, वित्तीय सहायता, और बीमा योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाना, और उनकी फसलों को नुकसान से बचाने के उपायों के बारे में शिक्षित करना इन प्रयासों का हिस्सा है। साथ ही, किसानों को बाजार की कीमतों, सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान के बारे में जानकारी देना भी महत्वपूर्ण है।
08.
महिला, बालक, बालिकाओं, दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करना
महिलाओं, बच्चों, और दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास के लिए समाज में समान अवसर प्रदान करना अत्यंत जरूरी है। इन वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना, उनके अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें सशक्त बनाना जरूरी है। बालकों और बालिकाओं के लिए शिक्षा की सुविधा, दिव्यांगों के लिए सहायक उपकरण और महिलाओं के लिए स्वावलंबन की दिशा में काम किया जाता है। इससे न केवल उनके जीवन में सुधार होता है, बल्कि समाज में समानता और समरसता भी आती है।
09.
महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करना
महिला सशक्तिकरण समाज में महिलाओं को समान अधिकार और अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह महिलाओं को उनकी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, और राजनीतिक अधिकारों में समान अवसर प्रदान करता है। इसके अंतर्गत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण, कैरियर मार्गदर्शन, और नेतृत्व विकास के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, भेदभाव और शोषण को समाप्त करने के लिए जागरूकता फैलाना भी जरूरी है।
10.
निराश्रित अनाथ, बालश्रमिक आदि के लिए प्रशिक्षण एवं प्रवास की व्यवस्था करना
निराश्रित, अनाथ और बालश्रमिक बच्चों के जीवन में एक नई रोशनी लाने के लिए उनके लिए प्रशिक्षण और प्रवास की व्यवस्था करना आवश्यक है। इन बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है। इसके अलावा, उनके लिए सुरक्षित आश्रय स्थलों का प्रबंध किया जाता है, ताकि वे मानसिक और शारीरिक शोषण से बच सकें। ये बच्चों को मुख्यधारा में लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
11.
नशा मुक्ति के क्षेत्र में काम करना
नशा मुक्ति अभियान का उद्देश्य समाज में बढ़ती नशे की लत को खत्म करना है। यह अभियान न केवल नशे के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करता है, बल्कि नशे से मुक्ति पाने के लिए उपचार, काउंसलिंग और पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान करता है। इसके अंतर्गत नशे के शिकार व्यक्तियों को उनकी मानसिक स्थिति के अनुसार उपयुक्त सहायता दी जाती है, ताकि वे नशे से बाहर निकलकर सामान्य जीवन जी सकें। इसके साथ ही, नशे के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यशालाएं और अभियानों का आयोजन भी किया जाता है।